
इटावा सफारी पार्क में शेरनी रूपा ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिसके बाद बारी बारी से तीन शावकों की मृत्यु हो गई, उसके बाद चौथे मादा शावक जिसका नाम कृपा है, वह गुमसुम हो गई खाना खाना भी छोड़ दिया था, लेकिन सफ़ारी पार्क की चिंता बढ़ने लगी तभी उसके अकेलेपन को दूर करने के लिए सफारी प्रशासन ने लेपर्ड के पांच शावकों के बगल में खेलने के लिए छोड़ दिया, जिससे अकेलापन दूर हो जाए।
डिप्टी डायरेक्टर विनय सिंह ने बताया कि मादा शावक कृपा को लेपर्ड के बच्चों के बगलवाले बाड़े में रखा तो इससे उसका अकेलापन दूर होने लगा और उन शावकों के बच्चों के साथ खेलने से वह खुश हुआ और अपने भाइयों की याद भुलाने में मदद मिली है, अब वह अपना खाना खाना शुरू कर दिया है। अब लेपर्ड के बच्चों के खेलने से उसका मन बहलने लगा है। इससे सफारी पार्क की उम्मीदें बढ़ गई है। और ऐसा लगने लगा है कि अब इसके स्वास्थ्य में सुधार के साथ यह सुरक्षित बचाया जा सकता है।
जानवरों में इंसानों से ज्यादा मानवीय भावनाएं होती हैं